2022 में जम्मू-कश्मीर में 56 विदेशी आतंकवादी मारे गए: डीजीपी दिलबाग सिंह | भारत समाचार

उन्होंने यह भी कहा कि इस साल उग्रवादी रैंकों में शामिल होने वाले 102 स्थानीय युवाओं में से 86 को मार गिराया गया है।
आतंकवादी संगठनों द्वारा जारी मौत की धमकियों को जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और उसकी एजेंसियों की करतूत बताते हुए सिंह ने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह के आदेश जारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
डीजीपी ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, “इस साल 56 विदेशी आतंकवादी मारे गए हैं। यह कई वर्षों में सबसे अधिक संख्या है।”
उन्होंने कहा कि अब तक 102 नए आतंकवादियों में से 86 का सफाया कर दिया गया है, जिससे संख्या घटकर सिर्फ 23 रह गई है।
सिंह ने कहा, “जो लोग आतंकवाद का रास्ता चुनते हैं, उनका जीवन बहुत लंबा नहीं होता। युवाओं को शांति और समृद्धि का रास्ता अपनाना चाहिए और आतंकवाद का रास्ता छोड़ना चाहिए। इस रास्ते पर जाने से कोई फायदा नहीं है।”
आतंकवादी संगठनों द्वारा दी जा रही जान से मारने की धमकियों के बारे में एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि ये लोग पाकिस्तान की आईएसआई और उसकी एजेंसियों के मुखपत्र हैं जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को अंजाम दे रहे हैं।
“आतंकवाद अपनी आखिरी सांसें ले रहा है। इस तरह की धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऐसे ब्लॉग और वेबसाइट हमारी निगरानी में हैं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनके समर्थकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।” कहा।
डीजीपी ने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “यह उन लोगों की एक नियमित साजिश है जो शांति और समृद्धि से नाखुश महसूस करते हैं। हम इस तरह की धमकी देने में शामिल सभी शेष संगठनों को समाप्त कर देंगे।”
सुरक्षा उपायों पर सिंह ने कहा, “हम हर तरह की सावधानी बरत रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हर जगह सबकुछ ठीक रहेगा। हमारी सुरक्षा में कोई कमी नहीं होगी।”
उन्होंने कहा, “सीमा पार प्रशिक्षण शिविरों में अभी भी लोग हैं। ऐसे आतंकवादी हैं जिन्हें इस तरफ घुसपैठ करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। सीमा पर बल सतर्क और सतर्क हैं। अगर कोई घुसपैठ करता है, तो उसे बेअसर कर दिया जाता है।”
खालिस्तानी और कश्मीरी आतंकवादियों के बीच संबंध के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, “उनकी एक मां है, वह पाकिस्तान है।”
उन्होंने कहा, “खालिस्तान या कश्मीर के नाम पर आतंकवाद हो, मां एक है। वह इसे चला रही है। जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं, हम और पंजाब पुलिस एक साथ काम करते हैं।”
ड्रोन के जरिए हथियार गिराना एक बड़ी चुनौती बताते हुए सिंह ने कहा कि पुलिस कुछ मामलों को सुलझाने में सफल रही है।
आईईडी और अन्य सामान बरामद किए गए हैं और हम उनसे प्रभावी ढंग से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।”
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